नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच जंग शुरू होने को लेकर तमाम देशों ने आपत्ति जताई है और रूस की इस कार्रवाई की निंदा की है. वहीं अब नाटो देशों ने रूस के खिलाफ कार्रवाई की पहल शुरू कर दी है. यूक्रेन पर हमले के बाद नाटो देशों की एक बड़ी बैठक में ये फैसला लिया गया है.
सहयोगी देशों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध – नाटो
इस बैठक में नाटो ने कहा है कि, वो सहयोगी देशों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. NATO दुनियाभर के तमाम देशों का एक सैन्य संगठन है, जिसे ऐसी ही युद्ध के हालात के लिए बनाया गया है.
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अगर नाटो में शामिल किसी भी देश पर हमला किया जाता है तो इसे नाटो पर हमला माना जाता है, इसके बाद सभी देश मिलकर उस हमला करने वाले देश पर कार्रवाई करते हैं.
अमेरिका ने भेजी सेना
बताया जा रहा है कि, नाटो की इस कार्रवाई की पहल के बीच अमेरिका ने अपनी सेना को यूक्रेन की तरफ भेजना शुरू कर दिया है. अमेरिकी सेना रूस को घेरने के लिए लातविया पहुंच चुकी है. जिसके बाद रूस की सेना को पीछे धकेलने का काम हो सकता है.
रूस हमले को रोकने के लिए तैयार नहीं
हालांकि रूस अपने हमले को रोकने के लिए तैयार नहीं है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को इसके लिए चेतावनी भी दी है. उन्होंने कहा कि दूसरे देश इस मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश न करें.
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बता दें कि, यूक्रेन लगातार NATO में शामिल होने की बात करता आया है, लेकिन रूस ने हमेशा से इसका विरोध किया है. क्योंकि रूस नहीं चाहता है कि बाकी देशों की सेनाएं यूक्रेन की सीमाओं पर अपना बेस बनाएं. साथ ही यूक्रेन के जिन इलाकों पर रूस अपना अधिकार रखता है, उन्हें लेकर वो हमेशा से ही वो दुनियाभर के देशों से हस्तक्षेप नहीं करने की बात करता आया है.
नाटो के विस्तार के खिलाफ हैं पुतिन
पुतिन का कहना है कि, वो इसलिए नाटो के विस्तार के खिलाफ हैं, क्योंकि अमेरिका उनके लिए एक बड़ा खतरा है और उसे वो अपने देश की सीमाओं के पास नहीं आने दे सकता.
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