नई दिल्ली। संगीत की दुनिया का चमकता सितारा कल बुझ गया. लता मंगेशकर जी ने कल आखिरी सांस ली और इस मौके पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. लता जी के जन्मस्थान इंदौर में भी लोग शोक में डूबे दिखे. इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लता जी को नमन करते हुए उनकी याद में पौधारोपण किया.
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इस समय उन्होंने और भी बहुत से एलान किए जिसमें लता जी के नाम पर संगीत अकादमी और यूनिवर्सिटी खोलने से लेकर उनकी प्रतिमा स्थापित करने तक की बात तक कही.
उनके जाने से खाली हुआ स्थान नहीं भर सकता
इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, लता दीदी का जाना, करोड़ों भारतीयों की अनुभूति है कि उनकी व्यक्तिगत क्षति हुई है. उनके गीत हम सभी के जीवन में नव उत्साह और ऊर्जा का संचार करते थे. मेरे स्वयं के जीवन में ऐसी रिक्तता आई है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है.
लता जी की प्रतिमा भी होगी स्थापित
इस मौके पर शिवराज सिंह ने ये घोषणा भी की कि इंदौर में लता जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. उन्होंने कहा कि लता दीदी केवल संगीत जगत की रोशनी नहीं थी बल्कि देशभक्ति का भी ऐसा हस्ताक्षर थीं, जिनसे पूरा देश प्रेरणा लेता था.
यही नहीं इस मौके पर एमपी के मुख्यमंत्री ने ये भी घोषणा की कि, लता जी के जन्मदिन पर हर साल लता मंगेशकर पुरस्कार दिया जाएगा.
इंदौर में हुआ था लता जी का जन्म
बता दें कि लता मंगेशकर जी का जन्म इंदौर में हुआ था. इस मौके पर एमपी के मुख्यमंत्री ने उनकी याद में यहां संगीत अकादमी, संगीत महाविद्यालय और संगीत संग्रहालय स्थापित करने की बात कही. उन्होंने कहा कि संगीत महाविद्यालय में बच्चे सुरों की साधना कर सकेंगे जबकि संग्रहालय में उनके सभी गीत उपलब्ध रहेंगे.