लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव के दल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को लेकर बड़ी खबर है. शिवपाल यादव का चुनाव चिन्ह ‘चाबी’ पहले ही उनके हाथ से फिसल गई थी. यानी वह ‘चाबी’ चिन्ह से चुनाव नहीं सलड़ सकते. वहीं, अब चुनाव आयोग ने प्रसपा को नया चुनाव चिन्ह अलॉट कर दिया है. अब शिवपाल यादव की पार्टी ‘स्टूल’सिंबल से इलेक्शन लड़ेगी. चाभी एक राजनैतिक पार्टी जननायक जनता पार्टी को कुछ समय पहले अलॉट कर दी गई है.
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प्रसपा उम्मीदवार चाहते थे ‘साइकिल’ पर लड़ना
अभी तक माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने वाले शिवपाल सिंह यादव अब सपा के ही चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे. प्रसपा की ओर से टिकट चाहने और पाने वाले भी यही चाहते थे कि साइकिल से चुनाव लड़ने को मिले. लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा. अब प्रसपा के उम्मीदवार ‘स्टूल’ से खड़े होंगे.
चाबी चिन्ह के साथ लड़े थे लोकसभा चुनाव
गौरतल है कि साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में अंतरयुद्ध शुरू हुआ था. इसके बाद परिवार तो भागों में तो बंटा, लेकिन सपा का पूरा अधिकार अखिलेश यादव के पास रहा. वहीं, शिवपाल ने इस लड़ाई के अगले साल नई पार्टी प्रसपा का गठन किया. साल 2019 में, लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने उन्हें ‘चाबी’ सिंबल दिया था. इस सिंबल के साथ उतरी प्रसपा को केवल 0.31 फीसदी वोट ही मिले थे.
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इस पार्टी को अलॉट हुआ ‘चाबी’
जानकारी के लिए बता दें, हरियाणा की एक स्टेट पार्टी, जननायक जनता पार्टी को चुनाव आयोग ने चाबी सिंबल आवंटित कर दिया था. इस वजह से प्रसपा को यह चिन्ह नहीं दिया जा सका. ऐसे में रजिस्ट्रीकृत मान्यता प्राप्त दल में शामिल प्रसपा को 197 मुक्त चुनाव चिन्हों में से कोई सिंबल अलॉट किया जाना था, जो तय किया गया कि स्टूल होगा.
मुश्किल होगा नए सिंबल के साथ जगह बनाना?
प्रसपा 2019 से लेकर अभी तक चाबी चुनाव चिन्ह के साथ ही प्रचार-प्रसार कर रही थी. ऐसे में अब एकदम से उनका सिंबल बदलने पर प्रदेशवासियों के बीच जगह बनाना शिवपाल यादव के लिए थोड़ा मुश्किल होता दिखेगा. माना जा रहा है कि प्रसपा का अस्तित्व बचाए रखने के लिए यह बड़ी चुनौती होने वाली है.
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