उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर धामी ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने का फैसला लिया है। देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति एवं मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार ने ये निर्णय। इसके साथ ही तीर्थपुरोहितों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो गई है।
देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के विरोध के मद्देनजर उनकी शंकाओं के समाधान के लिए सरकार ने राज्य सभा के पूर्व सदस्य मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की थी। बीते रोज समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। मुख्यमंत्री ने समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की। समिति के अन्य सदस्यों में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल व स्वामी यतीश्वरानंद शामिल किए गए। उपसमिति को दो दिन के भीतर संस्तुति सहित परीक्षण रिपोर्ट देने को कहा गया था
सोमवार को उपसमिति की फिर बैठक हुई, जिसमें उच्च स्तरीय समिति की अध्ययन रिपोर्ट के सभी बिंदुओं पर गहन चर्चा की गई। इसके बाद शाम को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री को उपसमिति की परीक्षण रिपोर्ट सौंप दी। बता दें कि सरकार ने पूर्व में चारधाम के तीर्थ पुरोहितों को भरोसा दिलाया था कि 30 नवंबर तक देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।
शासन ने देहरादून की तहसील डोईवाला के ग्राम चक चौबा (कल्लूवाला) के सभी भूलेख लेखपाल क्षेत्र रामनगर डांडा थानों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। इससे स्थानीय निवासियों को राहत मिलने की उम्मीद है। सचिव राजस्व डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
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