तीनों कृषि कानूनों को वापस के पीएम के ऐलान के बाद किसान संगठन आज इस पर अपनी रणनीति बनाएंगे। आज दोपहर में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें आगे के आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा। इस बीच अलग अलग किसान नेता नई नई मांगों का ऐलान करने लगे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल किसानों की मांगों को मानते हुए कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। वहीं, अब संयुक्त किसान मोर्चा की मांगें हैं कि संसद से औपचारिक रूप से कानूनों को रद्द किया जाए। MSP पर कानून बनाया जाए और बिजली संसोधन बिल वापस लिया जाए। इसके साथ ही किसानों की और मांगें बढ़ती ही जा रही हैं।
किसान आगे की रणनीति तय करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेताओं की 9 सदस्यीय कमिटी की बैठक होगी. इसके बाद पंजाब के किसान संगठनों की और परसों संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसके बाद किसान नेता स्पष्ट करेंगे कि आंदोलन की आगे क्या रूपरेखा होगी और दिल्ली की सीमाओं पर साल पर जमे किसान कब हटेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, ”हम तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं, इस घोषणा के संसदीय प्रक्रियाओं के जरिए पूरा होने तक इंतजार करेंगे. आंदोलन सिर्फ नए कृषि कानूनों के खिलाफ ही नहीं था, फसलों के लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग अब भी लंबित हैं।
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