अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांचवें दिव्य दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए तैयारियां तेज कर दी है। प्रदेश सरकार की मंशानुरूप जिला प्रशासन के सहयोग से अयोध्या के 32 घाटों पर 9 लाख दीए बिछाने की तैयारी है। जिसमें 7 लाख 51 हजार दीए 12 हजार स्वयंसेवकों के सहयोग से जलाएं जायेंगे।
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घाटों पर दीए जलाने की तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रविशंकर सिंह ने तैयारियों सम्बन्ध में विश्वविद्यालय स्तर से समीक्षा करनी शुरू कर दी है। इसके लिए दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रोफेसर शैलेन्द वर्मा को घाटों पर दीए लगाने एवं तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान कर दिया है।
पांचवीं बार ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने जा रहा विश्वविद्यालय
कुलपति प्रोफेसर सिंह ने बताया कि, अयोध्या का दीपोत्सव ऐतिहासिक दृष्टि से हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय फिर से पांचवी बार इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने जा रहा है।
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7 लाख 51 हजार दीए जलाकर पिछला रिकार्ड तोड़ने की तैयारी
पूर्व में विश्वविद्यालय द्वारा चार बार के दीपोत्सव में तीन बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज किया है। इस बार 7 लाख 51 हजार दीए जलाकर पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज करेंगे।
घाटों पर दीपों के चिन्हीकरण का कार्य 23 अक्टूबर से शुरू होगा
नोडल अधिकारी प्रोफेसर शैलेन्द वर्मा ने बताया कि, दीपोत्सव को भव्य रूप देने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन 23 अक्टूबर से अयोध्या के 32 घाटों पर दीए एवं रामायणकालीन चित्रण का कार्य शुरू कर देगा। 3 नवम्बर को होने वाले दिव्य दीपोत्सव के तीन दिन पूर्व तक चित्रण का कार्य चलता रहेगा।
अयोध्या के 32 घाटों पर 9 लाख दीएं लगाएंगे
इसके उपरांत स्वयंसेवकों द्वारा दीए बिछाने का कार्य होगा। इसमें विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, इण्टर कालेज के स्वयंसेवी संस्थाओं के 12 हजार स्वयंसेवकों जिसमें 32 प्रेक्षक, 200 समन्वयक के सहयोग से अयोध्या के 32 घाटों पर 9 लाख दीएं लगाएंगे। जिसमें 7 लाख 51 हजार दीएं प्रज्ज्वलित करेंगे। इसमें 20 बुर्ज को भी शामिल किया गया है।
दीपोत्सव के दिन दीए थ्रीडी एनिमेशन के साथ जलाएं जाएंगे
स्वयंसेवकों को दीए बिछाने और जलाने सुरक्षा के दृष्टिगत एक ब्लॉक बनाया जायेगा जिसमें दीए बिछाये जायेंगे। दीपोत्सव के दिन इन चित्रों में रखे दीए थ्रीडी एनिमेशन के साथ जलाएं जाएंगे। प्रोफेसर वर्मा ने बताया कि, तैयारियां के सम्बन्ध विश्वविद्यालय स्तर से अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ कई बार बैठकें की गई है।
दोपात्सव के लिए कमेटियां गठित कर दी गई
विश्वविद्यालय स्तर से दोपात्सव के लिए कमेटियां गठित कर दी गई है और उन्हें उनके कार्यों से अवगत करा दिया गया है। दीए खरीदने, स्वयंसेवकों के भोजन व परिधान समेत अन्य कार्यों का दायित्व विश्वविद्यालय द्वारा लखनऊ की लकक्षक एलएलपी टेक को सौंपा गया है।