कानपुर देहात।
सरवनखेड़ा ब्लॉक के मुबारकपुर लाटा के मजरा सफरार नगर के ग्रामीण कई वर्षों से एक बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे हैं—एक पक्की सड़क। गांव में लगभग 500 मीटर का संपर्क मार्ग आज तक पक्का नहीं बन पाया है, जिसके चलते बरसात के दिनों में कीचड़, पानी और गहरे गड्ढों से गुजरना ग्रामीणों के लिए रोज़ की परेशानी बन चुका है।
बरसात में रास्ता बन जाता है दलदल
बारिश का मौसम आते ही यह कच्चा रास्ता दलदल में तब्दील हो जाता है। बच्चे स्कूल जाने में फिसलते-गिरते हैं, बुजुर्गों और महिलाओं को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि इस रास्ते पर पैदल चलना तक खतरे से खाली नहीं, क्योंकि कई बार लोग फिसलकर चोटिल हो चुके हैं।
मरीजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती
इस खराब रास्ते का सबसे ज्यादा असर बीमार मरीजों पर पड़ता है। गाड़ियों का पहुंच पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है, और कई बार लोगों को चारपाई या ठेले पर लादकर अस्पताल तक ले जाना पड़ता है।
एक घटना जिसने झकझोर दिया
ग्रामीण नितेश कुमार ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी मां, श्यामा देवी, गंभीर बीमार थीं। कच्ची सड़क और बारिश की वजह से समय पर अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं हो पाया, और इलाज में हुई देरी के चलते उनकी मौत हो गई। नितेश का आरोप है कि अगर सड़क पक्की होती, तो उनकी मां की जान बच सकती थी।
ग्रामीणों की पीड़ा
सुनीता नाम की ग्रामीण महिला ने कहा, “बरसात में तो घर से निकलना ही मुश्किल हो जाता है, बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना बड़ी मुश्किल है।”
ग्रामीण रोहित यादव ने बताया, “हमने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को लिखित और मौखिक शिकायत दी, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।”
राम श्री, जो गांव की बुजुर्ग महिला हैं, ने भावुक होते हुए कहा, “हमारे गांव का रास्ता ही हमारी सबसे बड़ी समस्या है, अगर यह बन जाए तो आधी परेशानी खत्म हो जाएगी।”
प्रशासन तक पहुंची लेकिन हल नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार ब्लॉक से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाई, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। कई बार अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ।
ग्रामीणों की मांग
गांव के लोग अब एकजुट होकर शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि इस 500 मीटर के संपर्क मार्ग का जल्द से जल्द पक्का निर्माण कराया जाए, ताकि बारिश हो या धूप, किसी भी स्थिति में लोगों को आने-जाने में परेशानी न हो।
बाइट्स:
-
सुनीता (ग्रामीण) – “बरसात में बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो जाता है, गंदगी और कीचड़ से रोज़ जूझना पड़ता है।”
-
रोहित यादव (ग्रामीण) – “कई बार शिकायत की, लेकिन सड़क बनने का नाम ही नहीं ले रही।”
-
नितेश (ग्रामीण) – “मेरी मां को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाए, अगर सड़क होती तो शायद जान बच जाती।”
-
राम श्री (ग्रामीण) – “गांव का रास्ता ठीक हो जाए तो हमारी आधी समस्या खत्म हो जाएगी।”
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal