रायबरेली में सोमवार सुबह रेल कोच फैक्ट्री का माहौल अचानक बदल गया, जब सैकड़ों ठेका कर्मचारी काम छोड़कर सीधे फैक्ट्री के मुख्य गेट पर इकट्ठा हो गए। हिंदुस्तान फाइबर ग्लास वर्क्स और एक्मी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सभी कर्मचारियों ने अपनी-अपनी मशीनें बंद कीं और धरने पर बैठ गए।
कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है। त्योहारी सीज़न में जेब खाली होने से उनकी नाराज़गी अब उबाल पर पहुंच गई है। कर्मचारियों का कहना है कि लगातार वेतन रुकने से बच्चों की पढ़ाई ठप पड़ गई है और घर का राशन-पानी तक जुटाना मुश्किल हो गया है।
कर्मचारियों की पीड़ा –
धरनास्थल पर बैठे कर्मचारियों में से नीरज कुमार, जो कंपनी में लंबे समय से कार्यरत हैं, ने कहा — “हम दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन पिछले तीन महीने से हमें एक भी रुपया नहीं मिला। त्योहार पर बच्चों के लिए कपड़े और मिठाई खरीदने तक की हालत नहीं है।”
वहीं, एक अन्य कर्मचारी दिनेश कुमार पाल ने बताया — “हमारे धैर्य की अब सीमा खत्म हो चुकी है। अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे और फैक्ट्री का काम पूरी तरह ठप कर देंगे।”
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की और प्रबंधन व ठेकेदारों के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बकाया वेतन का तुरंत निपटारा नहीं किया गया, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
देरी की वजह –
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, भुगतान में देरी का कारण ठेकेदारी व्यवस्था और बिल पास होने की प्रक्रिया में आ रही अड़चन बताई जा रही है। लेकिन कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार बहाने बना रहे हैं और उनकी मेहनत की कमाई रोककर खुद बच निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
धरना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी तैनात किया गया है। प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है, लेकिन अभी तक कर्मचारियों की मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही।
इस विवाद के चलते फैक्ट्री का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे रेल कोच निर्माण की प्रक्रिया में भी देरी होने की आशंका है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन भुगतान में पारदर्शिता और समयबद्धता ही इस समस्या का एकमात्र समाधान है।
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