रायबरेली। जिले में किसानों के लिए इस समय सबसे बड़ी समस्या खाद की कमी और दुकानों पर हो रही ओवररेटिंग बन गई है। लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए रायबरेली की जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा कदम उठाया है।
खाद की कालाबाज़ारी और किसानों को समय पर खाद न मिलने की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह एलर्ट मोड में आ गया है। डीएम के निर्देश पर कृषि विभाग की टीमों को जनपद के विभिन्न ब्लॉकों और बाजारों में दुकानों का सघन निरीक्षण करने के आदेश दिए गए हैं।
किसानों की समस्याओं के लिए कंट्रोल रूम की शुरुआत
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने किसानों की सुविधा के लिए एक विशेष कंट्रोल रूम बनाने का आदेश दिया है। इस कंट्रोल रूम के माध्यम से किसान अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे। अगर कहीं खाद की कमी या दुकानदारों द्वारा ओवररेटिंग की शिकायत आती है, तो प्रशासन तत्काल कार्रवाई करेगा।
डीएम का सख्त रुख
डीएम हर्षिता माथुर ने कहा कि किसानों के साथ किसी भी तरह का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि खाद वितरण व्यवस्था पर प्रशासन की सख़्त निगरानी होगी और अगर कोई दुकानदार ओवररेटिंग या जमाखोरी करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों को मिल सकेगा सीधा लाभ
कंट्रोल रूम की स्थापना से किसानों को सीधे अपनी समस्या बताने का अवसर मिलेगा। इससे किसानों को खाद की उपलब्धता में राहत मिलेगी और कालाबाज़ारी पर अंकुश लगेगा। प्रशासन का दावा है कि इस व्यवस्था से फसल सीजन में किसानों को समय पर और उचित दाम पर खाद उपलब्ध कराया जाएगा।
👉 बाइट – हर्षिता माथुर, डीएम रायबरेली
“खाद की समस्या को लेकर प्रशासन पूरी तरह गंभीर है। किसानों को परेशानी न हो, इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और कृषि विभाग की टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं। ओवररेटिंग या कालाबाज़ारी करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
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