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पूरी देश में कहीं भी उसका इलाज करने वाले चिकित्सक के सामने इस हेल्थ आईडी की एक क्लिक से मरीज़ का पूरा इतिहास सामने होगा। जिला अस्पताल में इसके लिए टास्क फ़ोर्स का गठन कर दिया गया है। यह टीम विभिन्न विभागों में समन्वय स्थापित कर इसे मूर्त रूप लेने की कवायद में जुट गई है। नावागंतुक सीएमएस डॉक्टर पुष्पेंद्र ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू करने के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। यह टीम पर्चा बनने से लेकर चिकत्सक व सभी जांच प्रभारियों से समन्वय स्थापित कर रही है। दरअसल पर्चा बनने के साथ ही मरीज़ की एक हेल्थ आईडी जनरेट होगी। मरीज़ को किस तिथी में क्या समस्या थी, किस चिकित्सक ने क्या डायग्नोज़ किया और कौन दवाई उसे दी गई। इसके साथ ही सम्बंधित बीमारी से जुड़ी कौन कौन सी जांचे हुईं इन सबका ब्यौरा दर्ज रहेगा। मरीज़ को मिले यूनिक हेल्थ आईडी के डालते ही उसका सारा ब्यौरा चिकत्सक के सामने होगा। माना जा रहा है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में यह क्रान्तिकारी कदम होगा और मरीज़ भविष्य में कभी दोबारा बीमार पड़ता है तो उसे अपने पर्चे और इलाज का ब्यौरा संभाल कर नहीं रखना पडेगा। सीएमएस डॉक्टर पुष्पेंद्र का कहना है कि बीते शनिवार को टास्क फ़ोर्स का गठन कर दिया गया है। सभी विभागों से समन्वय के बाद अगले सप्ताह तक इसके शुरू हो जाने की उम्मीद है।जिला – गाज़ीपुररिपोर्ट – विकास शर्मा गाज़ीपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने …