बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश — जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ ऑनलाइन गेमिंग के जुनून ने एक युवक को पड़ोसी का सबसे बड़ा दुश्मन बना दिया। आरोपी युवक ने पड़ोसी के खाते से चुपके-चुपके 35 लाख रुपये निकाल लिए और इन पैसों को ऑनलाइन गेमिंग में खर्च कर दिया।
कैसे हुआ साइबर फ्रॉड
पुलिस के अनुसार, आरोपी दीपांशु ने अपने पड़ोसी गुंजन कुमार गुप्ता को झांसा देकर एक ऑनलाइन पेमेंट एप उनके फोन में इंस्टॉल कराया। उसने पहले 14,000 रुपये के लोन की प्रक्रिया कराने के बहाने यह ऐप डलवाया। इस दौरान, आरोपी ने पेमेंट ऐप का पासवर्ड और जरूरी डिटेल्स अपने पास सुरक्षित कर लीं।
धीरे-धीरे, आरोपी ने गेमिंग की लत पूरी करने के लिए पड़ोसी के बैंक खाते से रकम निकालनी शुरू कर दी। यह रकम कभी कुछ हजार, कभी लाखों के रूप में ट्रांसफर होती रही। समय के साथ यह आंकड़ा बढ़ते-बढ़ते 35 लाख रुपये तक पहुंच गया।
पीड़ित को कब हुआ शक
गुंजन कुमार गुप्ता को तब होश उड़े जब उन्होंने अपने बैंक खाते में असामान्य ट्रांजैक्शंस देखीं। खाते से बड़ी-बड़ी रकम निकासी का सिलसिला देखकर उन्होंने तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलते ही बुलंदशहर साइबर थाना पुलिस सक्रिय हो गई। जांच के दौरान तकनीकी साक्ष्यों और ट्रांजैक्शन की ट्रेसिंग से आरोपी की पहचान हो गई। पुलिस ने आरोपी दीपांशु को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से एक लैपटॉप व दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
एसपी क्राइम बुलंदशहर, नरेश कुमार ने बताया कि, “आरोपी ऑनलाइन गेमिंग का आदी था और पैसे खर्च करने के लिए उसने अपने पड़ोसी को निशाना बनाया। वर्तमान में आरोपी से पूछताछ चल रही है और ठगे गए पैसों की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं।”
बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता
यह मामला इस बात का ताजा उदाहरण है कि किस तरह ऑनलाइन गेमिंग और डिजिटल भुगतान ऐप्स का दुरुपयोग करके साइबर अपराधी भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक या पेमेंट ऐप का पासवर्ड, ओटीपी या पिन साझा न करें, चाहे वह कितना ही भरोसेमंद क्यों न हो।
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