उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में आदमखोर बाघ ने 24 घंटे में तीन लोगों पर हमला कर दहशत फैला दी है। सहजानिया गांव में महिला घायल हुई, जबकि मडरिया गांव में एक महिला की मौत हो गई। स्थानीय लोग भय के कारण बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं और रात को बाहर निकलने से बच रहे हैं। वन विभाग की टीमें गश्त कर रही हैं, लेकिन अब तक बाघ का सुराग नहीं लग पाया है
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में आदमखोर बाघ की दहशत है। महज 24 घंटे में बाघ ने तीन लोगों को निशाना बनाया और एक महिला की जान ले ली। खौफ इस कदर है कि रात होते ही लोग डरने लगे हैं। अंधेरा होते ही लोग या तो अपने घरों में घुस जाते हैं या समूह में ही बाहर निकलते हैं। इतना ही नहीं, लोग अब अपने बच्चों को भी स्कूल भेजने में डरने लगे हैं।
महिला पर किया हमला और…
कुछ लोगों के घर खुले हुए हैं, ऐसे में इन लोगों की रात की नींद उड़ गई है। वे खुद और अपने जानवरों की जान को लेकर चिंता में हैं। सहजानिया गांव में बाघ ने एक महिला पर हमला कर दिया था, इस हमले में महिला घायल हो गई थी। जब महिला पर बाघ ने हमला किया तो लोगों ने शोर मचा दिया, महिला को छोड़कर बाघ भाग गया था।
क्या बोला वन विभाग?
मामले को लेकर वन विभाग का मानना है कि यही बाघ फिर आगे करीब 4 किलोमीटर दूर मडरिया गांव में पहुंच गया और वहां पहले एक युवक पर हमला किया, फिर उस युवक ने बहादुरी से बाघ का मुकाबला किया। इसके बाद बाघ ने एक अन्य महिला पर हमला कर उसकी जान ले ली।
लोग वन विभाग के रवैये से काफी नाराज हैं। लोगों का कहना है कि वन विभाग की तरफ से उन्हें सहयोग नहीं मिल पा रहा है। हालांकि वन विभाग की टीम इलाके में गश्त कर रही है, लेकिन बाघ का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। वन अधिकारी रॉबिन कुमार सिंह भी टीम के साथ पेट्रोलिंग कर रहे हैं।
हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। लखनऊ से भी तमाम बड़े वन अधिकारियों के साथ खुद फील्ड डायरेक्टर IFS ललित वर्मा ने पीलीभीत में डेरा डाल लिया है और लगातार नाइट पेट्रोलिंग कर रहे हैं। गांव के लोग खौफ में हैं। सभी यही कामना कर रहे हैं कि किसी तरह इस बाघ को पकड़ लिया जाए और उसे जंगल में छोड़ दिया जाए, जिससे वे चैन से रह सकें।
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