बहराइच ज़िले के मटेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ा मामला सामने आया है। भदवारा गांव निवासी एक परिवार का आरोप है कि इलाज में देरी और अवैध वसूली के कारण उनके बच्चे की मौत हो गई। पीड़ित परिवार का दर्द है कि लिखित शिकायत किए कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक दोषी स्टाफ नर्स के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रसव पीड़ा के दौरान मांगी गई रिश्वत
पीड़ित परिवार ने बताया कि उनकी रिश्तेदार दीपा को प्रसव पीड़ा होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मटेरा लाया गया था। वहां मौजूद स्टाफ नर्स ने इलाज के नाम पर ₹2000 की मांग की। जब परिवार तत्काल रकम नहीं दे पाया तो नर्स ने कथित तौर पर इलाज में लापरवाही बरती। इस लापरवाही की वजह से बच्चे की मौत हो गई।
लगातार हो रही अवैध वसूली
परिवार का आरोप है कि मटेरा स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी के नाम पर आए दिन मरीजों से जबरन पैसे वसूले जाते हैं। गरीब और असहाय मरीज मजबूरी में चुपचाप इस अवैध वसूली का शिकार बनते हैं।
अधीक्षक का बयान
मटेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार गौतम ने मामले की पुष्टि की है। उनका कहना है कि शिकायत मिली है और मामले में संबंधित स्टाफ से बातचीत की गई है। आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
पीड़ितों की मांग
पीड़ित परिजन का कहना है कि दोषी नर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और अस्पताल में अवैध वसूली की प्रथा पर पूरी तरह रोक लगे। उनका कहना है कि जब तक कार्रवाई नहीं होती, वे न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।
🎙️ बाइट – राम जानकी, भदवारा गांव निवासी
“हमारे सामने ही पैसे मांगे गए। जब हमने नहीं दिए तो लापरवाही की गई। बच्चे की मौत हो गई। हमें इंसाफ चाहिए।”
🎙️ बाइट – फरियाद अली, राजापुर निवासी
“यहां लगातार डिलीवरी के नाम पर मरीजों से पैसे वसूले जाते हैं। गरीब आदमी परेशान है, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।”
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