यह घटना महोबा जनपद के खरेला थाना क्षेत्र के कांशीराम प्राथमिक विद्यालय से जुड़ी है, जहां विद्यालय में कार्यरत एक रसोईया ने प्रभारी प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि प्रधानाचार्य लंबे समय से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है और उसके साथ गलत संबंध बनाने का दबाव डाल रहा है।
पीड़िता का आरोप – गलत काम के लिए दबाव, नौकरी से निकालने की धमकी
रसोईया रामकली पत्नी उदयभान ने पुलिस अधीक्षक प्रवल प्रताप सिंह को दिए प्रार्थना पत्र में लिखा कि वह कांशीराम प्राथमिक विद्यालय खरेला में रसोई का काम करती है। उसके बच्चे भी इसी विद्यालय में पढ़ते हैं। उसने हमेशा अपने कार्य को ईमानदारी से किया है और कभी भी किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती। बावजूद इसके, लगभग एक वर्ष से प्रभारी प्रधानाचार्य विनय प्रताप सिंह उसके साथ गलत व्यवहार कर रहे हैं।
पीड़िता का आरोप है कि प्रधानाचार्य उस पर गलत संबंध बनाने का दबाव डालता है। जब उसने इसका विरोध किया, तो प्रधानाचार्य ने उसे विभिन्न तरीकों से मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
12 घंटे तक स्कूल में बैठाने का आरोप, अनावश्यक कार्य करने को मजबूर
पीड़िता ने बताया कि उसका काम केवल रसोई पकाने और बर्तन साफ करने तक सीमित है, लेकिन प्रधानाचार्य उससे जबरन कक्षाओं की सफाई, ऑफिस में बैठना और बच्चों की देखभाल जैसे काम कराता है। इतना ही नहीं, उसे सुबह 11:30 बजे से लेकर दोपहर 2:30 बजे तक जबरन स्कूल में बैठाकर रखा जाता है। प्रधानाचार्य कहता है कि जब तक वह स्कूल में रहेगा, तब तक रसोईया को भी स्कूल में रहना होगा।
प्रधानाचार्य पर अनैतिक संबंधों का आरोप और वीडियो सबूत का दावा
पीड़िता का यह भी आरोप है कि प्रधानाचार्य की एक अन्य रसोईया के साथ अनैतिक संबंध हैं और उसके पास इसका वीडियो भी है, जिसे वह जरूरत पड़ने पर सबूत के तौर पर पेश कर सकती है। इसी वजह से प्रधानाचार्य दूसरी रसोईयों को विशेष छूट देता है।
पीड़िता का कहना है कि जब उसने प्रधानाचार्य की गलत मांगों को ठुकरा दिया, तो प्रधानाचार्य ने उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी और उसके पति को फंसाने के लिए झूठे मुकदमे दर्ज कराने की भी धमकी दी। उसने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य ने उसके पति के खिलाफ खरेला थाने में कई झूठे मामले दर्ज करवा दिए हैं।
एसपी से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग
पीड़िता रामकली ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी प्रधानाचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
यह मामला ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक विद्यालयों में महिलाओं के साथ होने वाली उत्पीड़न की घटनाओं पर गंभीर सवाल उठाता है। शिक्षा विभाग और पुलिस प्रशासन को इस तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिलाना आवश्यक है।
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