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दबंगों का कहर: सरेआम धारदार हथियार से युवक की हत्या, कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल

कुशीनगर। जिले के कुबेरस्थान थाना क्षेत्र में शनिवार देर शाम हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दबंगों ने 38 वर्षीय उत्कर्ष सिंह की सरेआम धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। यह घटना सेमरा हर्दो गांव की है, जहां बाजार से घर लौट रहे उत्कर्ष पर पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने हमला कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दबंगों ने उत्कर्ष को घेर लिया और दौड़ाकर बेरहमी से धारदार हथियार से हमला किया। खून से लथपथ उत्कर्ष को आनन-फानन में पुलिस की मदद से मेडिकल कॉलेज कुशीनगर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हत्या की खबर मिलते ही पूरे गांव में तनाव का माहौल बन गया। भय और दहशत से गांव के लोग अपने घरों में कैद हो गए। हालात बिगड़ने से पहले ही पुलिस ने मौके पर भारी फोर्स तैनात कर दिया। गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। वहीं, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने घटनास्थल का निरीक्षण कर पूरे मामले की जानकारी ली और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

मृतक के परिजनों का आरोप

मृतक के परिजनों का कहना है कि उत्कर्ष सिंह को पहले से धमकियां मिल रही थीं, जिसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई थी। लेकिन समय रहते कार्रवाई न होने की वजह से आज उनके परिवार के मुखिया की जान चली गई। परिजनों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और न्याय की मांग की है।

प्रत्यक्षदर्शी का बयान

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया,
“उत्कर्ष बाजार से लौट रहे थे, तभी दबंगों ने अचानक उन्हें घेर लिया। वे जान बचाने के लिए भागे भी, लेकिन हमलावर पीछा करते रहे और धारदार हथियार से हमला कर दिया। यह सब कुछ हमारे सामने हुआ, लेकिन हम लोग डर की वजह से मदद नहीं कर सके।”

पुलिस अधीक्षक का बयान

पुलिस अधीक्षक कुशीनगर संतोष कुमार मिश्रा ने कहा,
“घटना बेहद गंभीर है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।”

बड़ा सवाल: पुलिस को भनक क्यों नहीं लगी?

सरेआम हुई इस वारदात ने पुलिस की कार्यप्रणाली और खुफिया तंत्र पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर इतने बड़े हमले की योजना बनने के बावजूद स्थानीय पुलिस को भनक क्यों नहीं लगी? क्या पुलिस की लापरवाही से ही दबंगों के हौसले इतने बुलंद हुए कि उन्होंने खुलेआम वारदात को अंजाम दिया?

गांव में इस घटना को लेकर आक्रोश और डर दोनों है। लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और साथ ही कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।

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