चेतन के परिवार की मांग है कि चेतन की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए और दोनों बच्चों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। वहीं भाजपा के मंडल मंत्री विजेंद्र सैनी का कहना है कि प्रशासन ने बिना कोई सूचना दिए बुलडोजर की कार्रवाई की थी।
अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई में दुकान टूट जाने से आहत होकर आत्महत्या करने वाले चेतन सैनी का परिवार अब तक गम से नहीं निकल पाया है। बृहस्पतिवार को दिनभर अलग-अलग पार्टी और संगठनों के लोग परिवार से मिलकर हर संभव मदद करने का भरोसा देते रहे लेकिन परिवार को चेतन के बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। बेटा और बेटी दिनभर सुबकते रहे और अपने पिता को याद करते रहे। कभी चाचा, ताऊ तो कभी अपनी मां और दादी से पिता के बारे में सवाल करते रहे।
मझोला के लाइनपार गणेश नगर निवासी चेतन सैनी ने मंगलवार की रात 11 बजे छत से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी थी। उस वक्त उनकी बेटी आरोही (5) और बेटा अभि (8) घर में ही मौजूद थे। चेतन की मौत से पत्नी चंचल, बेटे ओर बेटी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार के लोगों ने बताया कि चेतन आढ़त पर जाने से पहले बेटे और बेटी को स्कूल छोड़ने जाते थे और दोपहर में छुट्टी होने पर खुद ही लेकर आते थे लेकिन दो दिन से आरोही और अभि स्कूल नहीं गए। कभी अपनी मां तो कभी अपनी दादी से सवाल कर रहे हैं। पापा कब घर आएंगे। बेटे-बेटी के यह सवाल परिजनों को झकझोर रहे हैं।
पुलिस ने छत पर पहुंचकर की जांच, परिवार के दर्ज किए बयान
मुरादाबाद। मझोला थाने की पुलिस ने बृहस्पतिवार दोपहर चेतन सैनी के घर पहुंचकर जांच पड़ताल की। छत पर जाकर वह जगह भी देखी जहां से चेतन ने छलांग लगाई थी। पुलिस ने इस दौरान वीडियो बनाया और परिवार के लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं हालांकि परिजनों ने अब तक कोई तहरीर नहीं दी है।
मझोला थाने की पुलिस ने चेतन के घर जाकर जानकारी जुटाई की जिस समय चेतन सैनी ने छत से छलांग लगाई थी उस समय कौन कौन छत पर मौजूद थे। भाजपा के मंडल मंत्री एवं चेतन के भाई विजेंद्र सैनी ने पुलिस को जानकारी दी कि उस वक्त चेतन सैनी की पत्नी चंचल के अलावा वह स्वयं, उनकी पत्नी मोना, चेतन का बेटा अभि और बेटी आरोही भी मौजूद थी। पुलिस ने विजेंद्र सैनी और परिवार के अन्य लोगों के भी बयान दर्ज किए हैं। वीडियो बनाने के बाद पुलिस टीम वापस चली गई
परिवार की मांग, पत्नी को मिले सरकारी नौकरी, बच्चों को आर्थिक मुआवजा
चेतन के परिवार की मांग है कि चेतन की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए और दोनों बच्चों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। भाजपा के मंडल मंत्री विजेंद्र सैनी का कहना है कि प्रशासन ने बिना कोई सूचना दिए बुलडोजर की कार्रवाई की थी जिसमें हमारा आठ लाख रुपये का नुकसान हुआ है। हमें सामान बचाने तक का समय नहीं दिया। इसी वजह से मेरे भाई ने आत्महत्या की है।
इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार है। बुधवार को आए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी आश्वासन देकर गए थे कि परिवार की मदद की जाएगी। आत्महत्या के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। विजेंद्र का कहना है कि प्रशासन की वजह से चेतन ने आत्महत्या की थी। उसका परिवार बर्बाद हो गया। चेतन की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए और बच्चों को आर्थिक मुआवजा दिया जाए।