गाजा पर हमले के बाद इस्राइली सेना का सैन्य आचरण जांच के दायरे में आ गया है। गाजा पर हमले में अभी तक 34,500 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
इस्राइली सेना की पांच यूनिट्स पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगे हैं और ये आरोप अमेरिका ने लगाए हैं। अमेरिका के विदेश विभाग ने सोमवार को बताया कि इस्राइली सेना की पांच यूनिट्स मानवाधिकार उल्लंघन की जिम्मेदार पाई गई हैं। मानवाधिकार उल्लंघन की ये घटनाएं 7 अक्तूबर को हुए हमले से पहले की हैं और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं गाजा पट्टी के बाहर की बताई गई हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग ने दी जानकारी
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस्राइली सेना की जिन पांच यूनिट्स पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगे हैं, उनमें से चार ने उल्लंघनों को प्रभावी ढंग से ठीक भी कर लिया है। पांचवीं यूनिट्स को लेकर अमेरिका की सरकार इस्राइली सरकार से बात कर रही है। वेदांत पटेल ने कहा कि हालांकि इससे अमेरिकी हथियारों की बिक्री प्रभावित नहीं होगी। पटेल ने ये बताने से इनकार कर दिया कि मानवाधिकार उल्लंघन कैसे किया गया और इस्राइली सेना की कौन-कौन सी यूनिट इसमें शामिल हैं।
अमेरिका सैन्य मदद पर लगा सकता है रोक
गाजा पर हमले के बाद इस्राइली सेना का सैन्य आचरण जांच के दायरे में आ गया है। गाजा पर हमले में अभी तक 34,500 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इस्राइल के हमले में गाजा पट्टी पूरी तरह से तबाह हो चुकी है और अब वहां अकाल आने की आशंका है। दरअसल अमेरिका में लीही लॉ लागू हैं, जिन्हें साल 1990 में तत्कालीन सीनेटर पैट्रिक लीही ने तैयार किया था। इन नियमों के तहत जो सेना मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है, उन्हें अमेरिका सैन्य मदद नहीं दे सकता।
अमेरिका ने बढ़ाया सीजफायर का दबाव
इस्राइल ने फलस्तीन के रफाह शहर पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें 20 लोग मारे गए। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस्राइल पर सीजफायर का दबाव बनाया है। हालांकि इस्राइल ने बिना बंधकों की रिहाई के सीजफायर करने से इनकार कर दिया है।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal