मौनी अमावस्या पर अयोध्या में प्रयागराज से आए श्रद्धालुओं का तांता लग गया है। अचानक से उमड़ी भीड़ से सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई हैं।
मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में स्नान के बाद श्रद्धालुओं का रेला रामनगरी में उमड़ पड़ा। घाट से लेकर मठ-मंदिर और गलियां शनिवार को भक्तों से भरी नजर आईं। अचानक उमड़ी भीड़ से व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। भारी भीड़ को देखते हुए रामनगरी में यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया है।
राम जन्मभूमि पथ पर भक्तों का रेला लगा हुआ है। श्रद्धालुओं के सामान रखने व जांच करने की व्यवस्था भी भारी भीड़ के चलते फेल हो गई है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु सामान व मोबाइल सहित राम जन्मभूमि में प्रवेश कर जा रहे हैं। लाकर की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। दोपहर 12:00 बजे तक 70, 000 से अधिक श्रद्धालु रामलला के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। राम जन्मभूमि पथ पर जगह-जगह श्रद्धालुओं के जूते चप्पल पड़े हुए हैं।
शास्त्रों में प्रयागराज स्नान के बाद अयोध्या में सरयू स्नान का पौराणिक महत्व वर्णित है। इसी मान्यता के चलते भक्त रामनगरी आते हैं। प्रयागराज के श्रद्धालुओं का आगमन शनिवार को भी दिन भर जारी रहा। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाई। सरयू स्नान के बाद भक्तों का समूह नागेश्वरनाथ मंदिर पहुंचा। जहां जलाभिषेक, पूजन के बाद भक्त अन्य मंदिरों में माथा टेकने निकल पड़े।
सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में भक्तों की कतार लगी रही। यहां उमड़ी भारी भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए। मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को पीछे के मार्ग से निकाला जा रहा था। जिससे कई श्रद्धालु अपनों से बिछड़ गए।
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