Tuesday , December 16 2025

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को अपने इस फैसले पर करना पड़ा सुधार और संशोधन

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में की गई अपनी एक टिप्पणी में सुधार किया है। उच्च न्यायालय ने 18 अक्टूबर को दिए अपने फैसले में कहा था कि दोषी ने ‘दुष्कर्म के बाद बच्ची को जिंदा छोड़ दिया’ यह उसकी दयालुता थी। इस वजह से दोषी को दी गई आजीवन कैद की सजा को 20 साल के कठोरतम कारावास में बदला जा सकता है। हाईकोर्ट के इंदौर बेंच की इस टिप्पणी की आलोचना की जा रही थी। अब अदालत (Madhya Pradesh High Court) ने उक्त टिप्पणी में सुधार के साथ फैसले में भी संशोधन किया है। अदालत ने ‘दयालु था, दुष्कर्म के बाद बच्ची को जिंदा छोड़ा’ टिप्पणी को हटा दिया है, साथ ही दुष्कर्म के अपराधी की सजा को आजीवन कारावास से घटाकर 20 साल कैद में बदलने के आदेश को संशोधित किया है। अदालत (Madhya Pradesh High Court) का कहना है कि अनजाने में उसके फैसले में गलती हुई है। 27 अक्टूबर को दिए गए संशोधित आदेश में न्यायाधीश सुबोध अभ्यंकर और सत्येंद्र कुमार सिंह की डबल बेंच ने कहा कि यह संज्ञान में लाया गया है कि इस अदालत की ओर से 18 अक्टूबर को दिए गए फैसले में अनजाने में गलती हुई है, जहां प्रकार की टिप्पणी का इस्तेमाल उस अपीलकर्ता के लिए किया गया है जिसको दुष्कर्म के अपराध में दोषी ठहराया गया है।

Check Also

हमीरपुर में बड़ा सड़क हादसा, स्कूली वैन पलटी, कई बच्चे घायल, अन्ना जानवर बचाने में हुआ हादसा

रिपोर्ट: हरिमाधव मिश्रस्थान: हमीरपुर, उत्तर प्रदेशदिनांक: 16/12/2025 हमीरपुर से इस वक्त की बड़ी खबर सामने …